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#फॉलो_तो_करियेगा_पर_अनफॉलो_मत_करियेगा_या_फिर_फॉलो_ही_मत_करियेगा_वरना #मैं_सीधे_नाम_लिखकर_पोस्ट_करूँगा_बहुत_गुस्सा_लगा_है_बीते_दिनों_से।
#शांत_हूँ_तो_शिव_वरना_अशांत_हुआ_तो_रुद्रा
#रातों_से_याद_आया_है_रात_तो_तुझमे_ही_गुजरता_है
#और_यादों_से_याद_आया_है_की_यादें_ही_तो_जिंदा_है_दिल_तो_हर_रात_मरता_है!
                                                          #Rudra_रुद्रा
★★★★ बहुत बहुत धन्यवाद यहां आने के लिए ★★★★     ● सर ●
हम जानते है पहले हमने आपको लाइक किया होगा फिर आपने एक दो post हमारी लाइक की होगी फिर हम आपको फॉलो कर लिए होंगे फिर आपके सारे पोस्ट लाइक होते है आप भी हमारी पोस्ट लाइक करते रहे आपने हमे फॉलो किया हो शायद या न भी किया हो पर फिर हमारी पोस्ट आप सभी देखकर लाइक करके बिना पढ़े skip कर दिए होंगे पर फिर एकाध पोस्ट अच्छी लगी तो 2 से 4 पोस्ट पढ़ा फिर bio पढ़े मेरा फिर कमेंट किया होगा फिर पक्की बात आप फॉलो करते है वैसे हम तारीफ तो नही कर रहे है अपनी पर आप सभी के प्रेम एवम सम्मान से हमे यह ज्ञात हुआ कि सरस्वती जी की कृपा है हम पर कई लोग से फ़ोन पर बात भी हुई शायद हम अपना काव्यमंचन भी करें।
【【【【{{{{{{◆◆ फॉलो करना फिर अनफॉलो करना ये सब बहुत संकीर्णता है ये एक रचनाकार का नही गिरी मानसिकता वाले चोर कवियों का कार्य है या तो आप कविता पढ़ते नही व्यर्थ का फॉलो करते हैं या आपको कोई फॉलो नही करता है तब आप ऐसा करते हैं ताकि लोग आपको फॉलो करें ।◆◆}}}}}}】】】】
#physics_king_rudra (on every social media) 
■■■◆◆◆◆◆◆◆ I am Single forever ◆◆◆◆◆◆◆■■■
◆●■◆●■◆●■ 13 time experienced ■●◆■●◆■●◆
◆◆◆◆◆◆◆◆◆          all time got a lesson      ◆◆◆◆◆◆◆◆◆
■■■■■■■■■             too possesive          ■■■■■■■■■
●●●●●●●●●.         .single till today.         ●●●●●●●●● 
My birth is gift of my father and mother, but worth is tottaly mine
मैं yq quote खोलते ही पहले सबकी पोस्ट लाइक करता हूँ तब आगे बढ़ता हूँ हम सभी यहां एक दूसरे को पढ़े, समझे और प्रोत्साहित करें ये हमारा पहला कर्तव्य और छोटे प्लेटफार्म का दायित्व है।दिल पर न लीजियेगा कैसे सबकी पोस्ट लाइक करु, कैसे सबके पर कमेंट करूँ और कैसे सबको फॉलो करूँ पर जैसे नजर पड़ता है ये सब करता हूँ है एक बात कह सकता हूँ आप सब बहुत अच्छा लिखते हैं वैसे बॉयज में जो हमें फॉलो करते हैं हम उन्हें भी तुरंत फॉलो करते हैं पर गर्ल्स में एक या दो लोग को अब तक किया है लेकिन बहुत जल्द सबको फॉलो करूँगा जो लाइक , कमेंट या फॉलो करेंगे और बहुत जल्द आप सबसे अपनी किताब को शेयर करूँगा "दिल_के_अल्फाज" अगर किसी से मुझे पर्सनली कोई भी विचार व्यक्त करना है मेरा नंबर मेरे सभी quote पर रहता है। हम अयोध्या से बिलोंग करते है वैसे तो हम physics को सबसे ज्यादा पसंद करते है टीचिंग मेरी हॉबी है फिजिक्स के हम प्रवक्ता है जब हम 11th में थे तब ही पिता जी को ब्रेन हेमरेज हो गया और समय से बहुत पहले ऊपर वाले ने जिम्मेदारी दी हम निभाने लगे मेरी 4 बहने है 1 छोटा भाई है वैसे मां पापा है ( इसी 27 जुलाई को पापा का बैकुंठवास हो गया )  दोस्ती हमने एक बार की थी 2 थे फिर 11th क्लास में टूट गई फिर हमने आज तक कभी की नही एक दो रिश्ते जीवन में व्यक्तिगत भी बनाये पर सामाजिक स्वार्थ और आधुनिक मानसिक विकृति और पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव और चारित्रिक विहीनता के कारण लंबे समय तक नही चल पाया और अकेलापन ज्यादा महसूस होने लगा है सोचता हूँ कि आगे बढूं कुछ संबंध बनाऊं कुछ रिश्ते दोस्ती और प्यार के बनाऊं पर अब हिम्मत नही होती पता नही जीवन का ये हिस्सा भी कहीं बचपन और ख्वाहिशों की तरह अधूरी न रह जाए जो भी हो पुराने घटनाओ के कारण डर लगता है पर दो और बहनों के शादी के बाद कुछ सोचना पड़ेगा माताजी अकेली हैं चाहे छोटे भाई साहब की शादी करके अपने को पिता का स्थान दूंगा क्योंकि माता जी की सेवा में खुद को लगाना है। सच कहूं तो 12th के बाद रेगुलर कॉलेज की पढ़ाई छूट गई फिर भी परास्नातक किया। मैं अध्यापक हो गया वो भी ठीक ठाक मौका ही न मिला।और मैं इस धरती पर सुबह को आया था मां बताती हैं कि मेरा नाम होस्पिटल के कॉपोउंडेर ने रखा था but घर में लोंगों ने मेरा नाम "रुद्रनारायण" रखा था तो हम "रुद्रा" ही हो गये ।और हाँ "फ़ैज़लशाह" हमे हमारे sir कहा करते थे उनका नाम "फैज़ल" था । एंड पढ़ाई मेरा सबसे पसंदीदा वर्क है और हाँ अगर हम किसी का पता या नाम पूछते हैं तो सिर्फ परिचय के उद्देश्य से अन्यथा न लें और दूसरी बात यदि आप महारत हांसिल करना चाहते है तो परिचय तो देना पड़ेगा या फिर आप अपनी पहचान छिपाते है । हिंदी मेरी मातृ भाषा है पर उर्दू हमें बेहद पसंद है। "मेरी सभी रचनाये मौलिक है मुझे जानने वाले मुझे मानते बहुत है अक्सर हम देखते हैं लोग प्रेम और प्रेमी दोनों को गलत मान बैठते है और आलोचनात्मक प्रवृत्ति की कविता करते हैं पर ऐसा नही ऐसे लोंगों में समझ और परिपक्वता का अभाव कहा जा सकता है क्योंकि जहां प्रेम वास्तव में है वहां कभी ऐसा अनर्थ और अनीति होता ही नही चाहे आप राम और सीता अथवा कृष्ण और राधा को देख लें या अन्य कोई प्रेम का उदाहरण ले ले हर जगह आप संतुष्ट हो जाएंगे पर जहां प्रेम मात्र दिखावा , आसक्ति,  देहप्रेम और स्वार्थ में लिप्त हो जाएगा वहां प्रेम समाप्त होने लगता है और भौतिकता समस्त भावनाओ का नाश कर देती है ऐसे रिश्ते को समाज और धर्म दूषित समझता है और प्रेम की सामाजिक प्रतिष्ठा पर लोग अंगुली उठाते है जिसका कइयों सही और सच्चे प्रेम करने वालों पर भी बुरा असर पड़ता है कृपया आप लोग ऐसा न करें!" और एक बात साहित्यकार को कभी किसी चीज की गलत परिभाषा नही प्रतिपादित करनी चाहिए काव्य तो सहज भाव का अमृत है मनमानी तो यहां शोभा ही नही देती है हमेशा यथार्थ की कल्पना और प्रतिपादन ही साहित्य को मूर्त और साकार करती है। और हाँ अगर ज्यादा जानना है हमे तो सर्च करो "रुद्रा"
Physics King Rudra
सिर्फ मेरी कलम से.........फ़ैज़लशाह
धन्यवाद ! 
आप सभी को की आपने प्रोफाइल विजिट की
बस इतना ही मैं हूँ जितना दिखा मेरे वाल पर............

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